सास्कृतिक कार्यक्रम:
महाविद्यालय के छात्र / छात्राओं में सांस्कृतिक अभी रुचि जागृत करने हेतु ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है | इस के लिए महाविद्यालय में सांस्कृतिक कार्यक्रम अधिकारी नियुक्त हैं | जो वर्ष में होने वाले गीत, कहानी, नाटक आदि का आयोजन करवाता है | इसका आयोजन शैक्षिक सत्र के प्रारंभ से लेकर फरवरी तक किसी भी मामी किया जा सकता है |
महाविद्यलय पत्रिका:
महाविद्यालय के छात्र छात्राओं में रचनात्मक एवं भावात्मक अभिव्यक्ति के विकास हेतु शीघ्र ही महाविद्यालय प्रशासन सर्वोदय नाम से पत्रिका का प्रकाशन करती है जिसमें छात्र छात्राएं अपने मोहल्ले अभिव्यक्ति दे सकते हैं |
क्रीड़ा:
महाविद्यालय में छात्र/छात्राओं के शारीरिक विकास हेतु क्रीड़ा की व्यवस्था की गई है। चूंकि महाविद्यालय अभी पूर्ण से विकसित नहीं हो पाया है, फिर भी छात्रों के विकास एवं स्वास्थ्य को देखते हुए वालीबाल एवं फुटबाल तथा छात्राओं हेतु बैडमिन्टन, खो-खो आदि खेलों की व्यवस्था की गई है।
पर्यटन:
महाविद्यालय में शैक्षिणिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सत्र में एक बार भ्रमण का कार्यक्रम संचालित करने की व्यवस्था की गई है, इसके लिए पर्यटन कार्यक्रम सुनिश्चित कर उसका शुल्क अलग से लिया जायेगा जो इच्छुक प्रत्येक छात्र/छात्रा को देना अनिवार्य होगा।
ग्रह - मूल्यांकन :
महाविद्यालय में छात्र/छात्राओं की समय-सीमा पर सैद्धान्तिक विषयों में अभिरूचि क्या हैं ? सत्र दौरान उन्होने अपने विषय में कितनी उपलब्धता प्राप्त है,
इसके लिए वर्ष में दो बार विषयवार मूल्यांकन व्यवस्था भी है ताकि छात्र/छात्रा अपनी शैक्षिक स्थिति का आत्मावलोकन कर सके।
वाचनालय कक्ष:
महाविद्यालय में छात्र/छात्राओं के लिए अलग-अलग वाचनालय कक्ष की व्यवस्था भी है जहाँ छात्र या छात्रा बैठकर पत्र/पत्रिकांए, योग एवं आध्यात्म की पुस्तके पढ सकते हैं।